जीवन में असली ख़ुशी चाहिए तो ये कहानी पढ़ो: (Motivational Story) एक मंदिर के बाहर लिखा था कि बेझिझक अंदर चले आइये आप पाप करते करते थक गए होंगे, लेकिन मैं माफ़ करते करते नहीं थका।
जीवन में असली ख़ुशी चाहिए तो ये कहानी पढ़ो
एक बार एक साधु एक सम्राट के महल के दरवाजे पर पहुंचे और कमाल की बात ये थी कि उस दिन जो सम्राट था वो बगीचे में घूम रहा था तो ठीक सामने मिल गया सम्राट ने पूछा क्या चाहिए? सुबह सुबह का समय था आठ: नौ बज रहें थे, साधु बाबा ने कहा कि बस कुछ नहीं चाहिए, भर दीजिए उनके हाथ में एक पात्रता था।
एक कमंडल था, बड़ा सा तो सम्राट ने कहा कि क्या बात कर रहे हो अभी भर जाएगा साधु महात्मा ने कहा भरता ही तो नहीं है, बस इसको भर दीजिये तो सम्राट हंसने लगा ज़ोर से कह रहे हैं पागल हो गए हो साधु बाबा ने कहा पागल नहीं होते तो साधु बनते सम्राट ने कहा कोई बड़ी बात नहीं अभी भरवा देते है इसे।
अपने वजीर को आवाज लगाई वजीर आही रहा था इस बीच में साधु महात्मा ने कहा कि सुन ये अगर आप इसे भरने के लिए तैयार हो गए हैं तो एक बात का खयाल रखिएगा बहुत सारे लोग इसे भर नहीं पाए और अगर आप एक बार इसे भरना शुरू कर देंगे तो मैं तब तक नहीं जाऊंगा जब तक ये भर नहीं जाएगा।
सम्राट और हसन लगा की आप तो वाकई में पागल हो गए हो क्या बात कर रहे हैं भर जाएगा और ठीक है, मैं तैयार हूँ आपके इस कमाल के काम के लिए बुलाया वजीर को कहा जाओ ले करके आओ सोने की मोहर बहुत सारी सोने की मोहर सोने के सिक्के लाये गए, डाले गए उस बर्तन में उस पात्र में लेकिन कमाल ये हो रहा था की वो गायब हो रहे थे, वो पात्र भरी नहीं रहा था।
सम्राट ने सोचा ये क्या जादू चल रहा है वजीर से क्या बुलाओ जितना खजाना है सारा बुलाओ भरो इसे हीरे से जवाहरात से भर दो पूरी कोशीश कर ली लेकिन वो भर ही नहीं रहा था दोपहर होने के बाद सम्राट का दिमाग खराब हो गया उसने कहा, यह तो सारा खजाना खाली हो गया लेकिन ये भर ही नहीं रहा सम्राट ने ढिंढोरा पिटवा दिया अपनी राजधानी में लोगों से कहा कि जितना कुछ हैं आपके पास ले करके आ जाएगी आज सम्राट की इज्जत से बात आ गई है।
सम्राट हार ना नहीं चाहता था, वो भी एक साधु महात्मा से हारेगा, जमेगा नहीं लोग आये अपने साथ में जितना उनके पास में सेविंग थी, जितना सामान था सब लाये ला करके डालने लगे उस पात्र में लेकिन वो पात्र भरने का नाम नहीं ले रहा था, शाम हो गई शाम में सम्राट को समझ में आया की अब तो कुछ भी नहीं बचा अब तो सब कुछ लूट गया है वो चरणों में गिर गया साधु महात्मा कहने लगा प्रभु माफ़ करो।
मैं इस काम को नहीं कर सका लेकिन जाते जाते ये बता के जाओ की ये जो पात्र हैं जो बर्तन है कमंडल ये किस चीज़ का बना है? इसमें कुछ टिक्क ही नहीं रहा है, गायब हो जा रहा है ये भरता क्यों नहीं है? कौन सा जादू आपने किया? वो साधु महात्मा ने कहा कि कोई जादू नहीं है यह पात्र नहीं है, ये आपका हृदय है इसे कितने भी धन से पैसे से भर दो, यह भरेगा नहीं, हमेशा और और और चाहता रहेगा।
दुनिया का सारा खजाना मिल जाएगा तब भी इसका पेट नहीं भरेगा अगर आप इससे वाकई भरना चाहते हैं तो प्रभु के सुमिरन से भरिए उस आनंद से भर ये जो उनकी प्राप्ति के बाद होता है राजा को जीवन का सार समझा कर के वो महात्मा वहाँ से चले गए।
अगर मन अशांत हो तो ये कहानी पढ़ लेना, Motivational Story

कहानी से सिख
ये छोटी सी कहानी उस साधु बाबा कि या सम्राट की नहीं है आपकी हमारी है हम में से बहुत सारे लोग मटिरीअलिस्टिक चीजों के पीछे भाग रहे हैं वो भूल जाते हैं कि हमें सबसे पहले अपनी सोल का अपनी आत्मा का खयाल रखना, उसकी केयर करना भी जरूरी है और यह जो पात्र जिसकी कहानी मैंने सुनाई, ये हमारे हृदय की तरह हमारे मन की तरह कभी भरेगा ही नहीं हमें चाहे जितना अच्छा अच्छा मिल जाये, हमें और अच्छे की तलाश रहेगी।
क्यों ना उस अच्छे की तरफ चलें जो सर्वोत्तम है, जो सर्वश्रेष्ठ है इसलिए मैं आपसे कहता हूँ कि लाइफ में चाहे जो आप काम करते रहे, थोड़ा सा टाइम अपने दिन भर में से प्रभु के स्मरण के लिए जिंस भी नाम से आप उन्हें पुकार ते हैं उनके लिए अवश्य निकाल ये।
एक बार फिर से वही बात जो अक्सर आप से कहता हूँ ऊपर वाले का आशीर्वाद अपनी मेहनत और अपनों के प्यार के साथ कर दिखाओ, कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा।